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मेरा प्यार


मेरा प्यार  (सजल)


मेरा प्यार बाहर नहीं जायेगा।

अंतस में बैठा भजन गायेगा।।


घूमा चतुर्दिक  वह देखा सभी को।

पाया नहीं कुछ सँभल जायेगा।।


होती सुहानी हैं ढोलक की गूँजें।

नजदीक से ज्ञान खुल जायेगा।।


दिल में ही बैठा है प्रियतम सलोना।

अंतर में खोजो तो मिल जायेगा।।


करो प्यार खुद से स्वयं मीत बनकर।

बहो अपनी बाहों में खिल जायेगा।।


छोड़ो भरोसा सभी मतलबी हैं।

करो खुद की आशा जग हिल जायेगा।।


मेरे प्यार को अब तड़पना नहीं है।

स्वयं यह स्वयं में पिघल जायेगा।।


गहरे समंदर में सीखो तो जाना।

चलो डूब जाओ मचल जायेगा।।


सब कुछ है भीतर जरा ढूढ़ लेना।

प्यारे रतन को अटल पायेगा।।


देखा स्वयं  में डुबो कर स्वयं को।

मेरा प्यार सच्चा सचल आयेगा।।


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1 Comments

Renu

23-Jan-2023 03:36 PM

👍👍🌺

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